दिल्‍ली को भूल जाएं, पाकिस्‍तान के इस शहर को इस साल एक दिन भी नहीं नसीब हुई साफ हवा

दिल्‍ली को भूल जाएं, पाकिस्‍तान के इस शहर को इस साल एक दिन भी नहीं नसीब हुई साफ हवा

सेहतराग टीम

पाकिस्तान के लाहौर शहर में खराब वायु गुणवत्ता और धुंध के कारण लाखों लोगों पर सांस की बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल संगठन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने लाहौर के निवासियों के लिए विश्वभर से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। एमनेस्टी का कहना है कि स्मॉग की समस्या पर पाकिस्तानी अधिकारियों की लापरवाही से मानव अधिकारों का गंभीर मुद्दा उठ खड़ा हुआ है।

एमनेस्टी के अधिकारी रिमेल मोहिदिन ने कहा, “जहरीली हवा से सभी का स्वास्थ्य दांव पर लगा है। यह मुद्दा इतना गंभीर है कि हम पूरे विश्व में फैले अपने सदस्यों से कह रहे हैं कि वे पाकिस्तानी अधिकारियों को पत्र लिखकर इस आपदा को गंभीरता से लेने को कहें और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई करें।”

लाहौर को कभी बगीचों का शहर कहा जाता था लेकिन आज वह विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है जहां के निवासी घरों में रहने को मजबूर हैं। मोहिदिन ने कहा कि लाहौर में अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास और पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा नवंबर की शुरुआत से हर दूसरे दिन वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में दर्ज की गयी है।

उन्होंने कहा कि लाहौर के लोगों को इस साल एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली है और नवंबर में वायु गुणवत्ता बिगड़ कर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गयी है। गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 या ऊपर होने पर उसे खतरनाक माना जाता है और गुरुवार को लाहौर का एक्यूआई 598 पहुंच गया था।

 

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